घर के वास्तुदोष निवारणों में तुलसी का महत्वपूर्ण स्थान है। घर में तुलसी का पौधा लगाने से घर का वातावरण एवं वायुमंडल शुद्ध होता है। गलत आत्माओं, भूत-प्रेत का प्रवेश घर में नहीं होता। भवन में जिस जगह वास्तुदोष हो वहां गमले में तुलसी का पौधा रखने से राहत मिलती है। शौचालय, स्नानगृह या गंदी जगह यह पौधा न लगाएं। तुलसी के तीन पत्तों के रोज सेवन से वात-पित्त और कफ रोगों का नाश होता है।
तुलसी की माला धारण करने से बहुत से रोगों से छुटकारा मिलता है। मानसिक और आत्मिक शांति की प्राप्ति होती है व मनोबल बढ़ता है।
तुलसी हृदय के लिए हितकर है। काली तुलसी से और हड्डियों के रोगों से छुटकारा मिलता है।
तुलसी कृमिनाशक है।
तुलसी की चाय हितकर है। वात, पित्त, कफ का विकार दूर करती है।
तुलसी गुर्दे की कार्य क्षमता बढ़ाती है। आंतों के लिए रामबाण दवा है।
तुलसी पाचन तंत्र को भी ठीक करती है।
विशम ज्वर में फायदेमंद है।
तुलसी से स्मरण शक्ति की बढोतरी भी होती है।
तुलसी प्रत्येक शुभ कार्यो एवं भगवान के प्रसाद में काम आती है।
अपने भवन, औद्योगिक इकाई, कार्यालय आदि में अधिक से अधिक तुलसी के पीधों को लगाएं। तुलसी मानव जीवन में खुशहाली लाती है।