इस साल आप अपनी डाइट का पूरा ख्याल रखेंगे, इसका प्रण लें। खाने में आप चावल, दाल, रोटी, सब्जियां तो लेते ही हैं, लेकिन कुछ और बातों का थोड़ा खयाल रखकर अपनी सेहत को और बेहतर बनाए रख सकतें हैं, खाने में अंकुरित अनाज, मेवे, मूंगफली, तिल (सर्दियों में), हर हफ्ते पांच रंग के फल जिनमें केला, सेब, संतरा, अमरूद आदि को शामिल कर सकते हैं, गाजर-मूली जैसी कुछ कच्चा चबाने योग्य सब्जियां, जिनमें एंजाइम होते हैं, तुलसी, इलायची, लहसुन आदि हर्ब, अंकुरित मेथी (खाकर डायबिटीज और हार्मोनल असंतुलन की स्थिति में बेहद फायदेमंद हैं), चोकर वाले अनाज, पत्तेदार जिनमें केला, सेब, संतरा, अमरूद आदि को शामिल कर सकते हैं, गाजर-मूली जैसी कुछ कच्चा चबाने योग्य सब्जियां, जिनमें एंजाइम होते हैं, तुलसी, इलायची, लहसुन आदि हर्ब, अंकुरित मेथी (खाकर डायबिटीज और हार्मोनल असंतुलन की स्थिति में बेहद फायदेमंद हैं), चोकर वाले अनाज, पत्तेदार सब्जियों को पकाकर नियमित रूप से लें।
सर्दी के मौसम में घी के सेवन से बचें। अगर नाॅनवेज लेते हैं तो उसकी मात्रा सीमित रखें, क्योंकि उसे पचाने के लिए शरीर को जितना काम करना चाहिए, आज की जीवनशैली में वह उतना काम नहीं कर पाता। सर्दी में गुनगुना या गर्म पानी और बाकी मौसम में सादा पानी खूब पिएं। चाय या काॅफी दो कप से ज्यादा न लें। अगर इससे ज्यादा की जरूरत महसूस होती है तो हर्बल टी लें सकते हैं, जो आजकल बड़ी आसानी से मिल जाती है।
अगर आप माॅडलिंग या ग्लैमर के पेशे से नहीं जुड़े हैं या बाॅडी बनाने की मजबूरी नहीं जुड़े हैं या बाॅडी बनाने की मजबूरी नहीं है तो आपके लिए दिनभर में चार बार खाना पर्याप्त रहेगा। इनका समय तय करें और उसका पालन करें। सुबह में 8-8.30 बजे के बीच नाश्ता कर लें। इस बात का ध्यान रखें कि यह नाश्ता हैवी हो। दोपहर का खाना एक बजे, शाम का नाश्ता 4 बजे और रात का खाना 7-8 बजे के बीच खा लें। इस बात का ध्यान रखें कि एक बार में अपने हाथ की अंजरी से ज्यादा खाना न खाएं। भूख से थोड़ा कम ही खाएं।
तला हुआ खाना फेस्टिवल के लिए ही छोड़ दें। ज्यादा तला हुआ खाना सेहत का दुश्मन साबित हो सकता है। खाने का पूरा खयाल रखने से पाचन शक्ति भी ठीक रहेगी और शरीर को समय पर पर्याप्त आहार भी मिलता रहेगा। अगर आप ग्लैमर जगत से जुड़े हैं या मसल्स बनाने का शौक है तो आपकों थोड़ा-थोड़ा करके छह बार खाना चाहिए। जिम जाते हैं तो विशेषज्ञ की सलाह का पालन करें। मौसम व उम्र के अनुसार अतिरिक्त डोज की जरूरत महसूस करें तो प्राकृतिक चीजों पर ही ध्यान दें।