हापुड़। (निस) तहसील से राष्ट्रीय राजमार्ग, दिल्ली रोड, गढ़ रोड, बुलन्दशहर रोड या फिर मेरठ रोड किधर भी जाओगे उधर ही ठेले वाले पाओगे जो फल, सब्जी या कुछ अन्य सामान बेचते मिलेंगे। मेरठ रोड पर तो रोडवेज बस स्टैंड के सामने जो जगह सड़क के दोनों ओर खाली होनी चाहिए, वहां धुधलियों की कालोनी कम मार्केट बना हुआ है। आप पायेंगे उनके छोटे-छोटे मकान के आगे खाट या तख्त पर रखा बिक्री का सामान, उसके आगे म्यूरी खड़ी होगी, उसके आगे बैठने के लिए चारपाई होगी। हो सकता है कोई पशु भी बंधा हो या आग की भटटी भी हो जो एनजीटी के नियम के विरूद्ध है क्योंकि इससे भारी प्रदूषण फैलता है। दिल्ली रोड पर तो रामलीला ग्राउन्ड के गेट तक वाहनों की लंबी कतारे रहती हैं। बुलन्दशहर रोड पर भी विभिन्न सामान के बिक्री के लिए ठेले खड़े रहते हैं। गढ रोड पर तहसील से आगे अतरपुरा चौपला, पक्का बाग चौपला गौशाला के आगे ठेले ही ठेले मिलेंगे तथा उससे आगे फ्लाई ओवर तक धुधलियों के ठिये मिलेगे। यद्यपि उन्हें पुल के नीचे घर मुहैया करा दिये गये हैं किन्तु फिर भी वे अपने पशुओं को सड़क पर बांधे हुए तथा गर्म भटटी को चलाते हुए दिख सकते हैं। इन सबके बावजूद अतिक्रमण के लिए क्या दुकानदार ही जिम्मेदार हैं? यदि इन ठेले वालों की जगह सुनिश्चित कर दी जाये तो रास्ता खूब चौड़ा हो जायेगा और अतिक्रमण की समस्या भी समाप्त हो जायेगी।
फिर भी वे अपने पशुओं को सड़क पर बांधे हुए तथा गर्म भटटी को चलाते हुए दिख सकते हैं। इन सबके बावजूद अतिक्रमण के लिए क्या दुकानदार ही जिम्मेदार हैं? यदि इन ठेले वालों की जगह सुनिश्चित कर दी जाये तो रास्ता खूब चौड़ा हो जायेगा और अतिक्रमण की समस्या भी समाप्त हो जायेगी।
गलियों मे कारों का सैलाब :
शहर में गलियों का बुरा हाल है। चारों ओर वाहन ही वाहन खड़े नजर आते हैं। जिनके पास पार्किंग स्थल है या नहीं है। दोनों ही घरों के सामने अपनी कारें खड़ी करते हैं। जिनके पास पार्किंग नहीं है, वे तो बिना पार्किंग शुल्क के मुफ्त में खड़ा करते ही हैं। किन्तु जिनके पास जगह है, वे मजबूर होकर खड़ी करते हैं क्योंकि जब अपने घर में खड़ी कार को बाहर निकालते हैं तो देखते हैं कि वहां पहले से ही कोई जाने अनजाने व्यक्ति की गाड़ी खड़ी है, उसे हटाने के लिए जो जहमत उठानी पड़ती है, उससे तो अच्छा यही है कि स्वयं भी घर के बाहर ही उसे खड़ी कर दे।
कालोनी निवासियों को परेशानीः
कभी कभी गाड़ी खराब भी लम्बे समय खड़ी रहती है उससे पड़ोस में रहने वाला तो परेशान है
क्योंकि वहां सफाई भी नहीं हो पाती, उसके नीचे बन्दर कुत्ता आदि गंदा भी करते हैं और कभी भी यकायक आने जाने वाले पर हमला भी कर देते हैं, आजकल सर्दियों में धूप में इन वाहनों के कारण बैठ भी नहीं सकते। अगर गाड़ी हटाने को कहें तो किससे कहे मालिक का पता ही नहीं रहता। अचानक आयेंगे खड़ी कर देंगे और ले जायेंगे और दबंग प्रवृति के तो कहने पर झगड़ेगे भी। अतः नगर पालिका/ट्रैफिक पुलिस को चाहिए कि वे इसे संज्ञान में लायें तथा सभी वाहनों के मालिकों से आग्रह करें कि वे अपना वाहन अपने या किराये के पार्किग स्थल पर खड़ा करें। यदि कोई वाहन इस प्रकार से खड़़ा पाया जाये तो उसे अपनी सुपुर्दगी में लेकर कार्रवाई करें। इससे आमजन को सहूलियत होगी तथा सड़के-गलियां जो संकीर्ण बन गई हैं, उन पर ट्रेफिक सुगमता से चल सकेगा।