हापुड़। (निस) चाहकमाल निवासी नरेश कुमार गर्ग का 58 वर्ष की आयु में दिल्ली के एक अस्पताल में 03 दिसम्बर को दोपहर 2 बजे निधन हो गया। नरेश कुमार गर्ग सर्राफा बाजार में सर्राफे का कार्य करते थे। वह बड़े मिलनसार, मृदुभाषी तथा सहज सरल स्वभाव के व्यक्ति थे। वह लीवर में आई किसी कमी से जूझ रहे थे। इसके प्रभाव से दूसरे अंग भी प्रभावित होने लगे थे। 15 दिन वह मौत और जिंदगी से मुकाबला करते रहे। उनके एक पुत्र तथा एक पुत्री हैं। दोनों विवाहित हैं। उनके पुत्र मयंक ने अस्पताल में रहकर उनकी तिमारदारी में जरा भी चूक नहीं की। चिकित्सकों से बराबर मशविरा करके जरूरी दवाओं का तुरंत लाना तथा पिता के पास बराबर बना रहना उनकी दिनचर्या में शामिल था। उनके बचाने के भारी प्रयास भी उन्हें बचा नहीं पाये। उनकी बॉडी को उनके चाहकमाल स्थित निवास स्थान पर लाया गया। 8 बजे रात्रि में उनकी शवयात्रा में काफी लोग उपस्थित थे। डीकेजी युवा सहयोगी लायन तुषार गोयल अन्य साथियों के साथ उपस्थित रहे तथा चौराखी स्थित शवदाह गृह पर उनके पुत्र मयंक गर्ग ने अपने पिता का अंतिम संस्कार किया। उनकी पगड़ी रस्म 15 दिसम्बर रविवार को सेठ तुलाराम की धर्मशाला में सायं 3 बजे होगी। डीकेजी परिवार उनके निधन पर भारी शोकाकुल है तथा भगवान से प्रार्थना करता है वह दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें तथा परिजनों को ढाढस बंधाये।
ऊं शांति शान्ति शान्ति।