-कमरे के दरवाजे की तरफ कभी भी सिर या पैर न रखें।
-दक्षिण पूर्व कोने में बैठने से बेचैनी होती है।
-दक्षिण पश्चिम में भूमिगत वाटर टैंक न रखें।
-दक्षिण और पश्चिम की तुलना में उत्तर-पूर्व अधिक साफ और रोशनी भरा होना चाहिए।
-पानी के स्रोत उत्तर और पूर्व में होने चाहिए।
-दक्षिण पश्चिम कोने को ब्लॉक कर दें। उसे भारी और ऊंचा कर. दें ताकि समद्धि की चुम्बकीय ऊर्जा को बरकरार रखा जा सके।
-दक्षिण पूर्व में सूर्य चरम पर होता है इसलिए यहां पर आग को जगह दें।
-दक्षिण पूर्व में टॉयलेट बनाने से गरीबी आती है।
-अगर उत्तर से ज्यादा दक्षिण में अधिक दरवाजे और खिड़की हैं, तो आप मुसीबत को दावत दे रहे हैं।
-उत्तर पूर्व को ब्लॉक न करें, उसे हल्का व खुला रखें।
-शुभ को आमंत्रित करने के लिए उत्तर पूर्व को साफ और खुला रखें।
-शुभ के लिए उत्तर पूर्व में साफ पानी के बर्तन में ताजे पीले फूल रखें।
-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए पूजा करते समय उत्तर पूर्व की ओर मुँह करें।
-एकाग्रता बढ़ाने के लिए पढ़ते समय उत्तर पूर्व की ओर चेहरा रखें.
-कानूनी कागजात उत्तर पूर्व में रखें।
-शुभ के लिए तांबे के बर्तन में गंगा जल भरकर उत्तर पूर्व में रखें।.
-गर्भ के दौरान कमरे में उत्तर पूर्व में न सोएं, बच्चा असामान्य हो सकता है।
-उत्तर पूर्व में कूड़ा, झाडू, पोंछा न रखें, अशुभ है।
- उत्तर पूर्व में भारी चीजें स्टोर करने से तनाव बढ़ता है।
- उत्तर पूर्व में रसोई होगी तो टकराव और बीमारी रहेंगी।
-उत्तर पूर्व में स्टोररूम ऊर्जा के लौ को रोकता है।
-उत्तर पूर्व में ट्रांसफॉर्मर और जनरेटर रखने से दुर्घटनाएं होती है।
वास्तुविद-संजय कुमार गर्ग 8791820546