गुणों का भण्डार है "बथुआ"


जाड़े के मौसम में उगने वाला बथुआ साग की तरह इस्तेमाल किया जाता है। बथुए का पराठा और रायता चटकारा लेकर खाया जाता है। लेकिन इसके औषधीय गुणों से लोग ज्यादा परिचित नहीं है। साधारण सा दिखने वाला यह पौधा कई गुणों की खान है। बथुआ सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है। सर्दियों में इसका सेवन कई बीमारियों को दूर रखने में मदद करता है। बथुआ न सिर्फ पाचन शक्ति को बढ़ाता है, बल्कि अन्य बीमारियों से भी छुटकारा दिलाता है। बथुए में आयरन भरपूर मात्रा में होता है। साथ ही यह विटामिन ए, कैल्शियम, फॉस्फोरस और पोटैशियम का अच्छा स्रोत है। यह विटामिन डी का भी अच्छा स्रोत है। बथुए की पत्तियों को कच्चा चबाने से सांस की बदबू, पायरिया और दांतों से जुड़ी समस्याओं में फायदा होता है। भूख में कमी आना, खाना देर से पचना, खट्टी डकार आना जैसी समस्याओं के लिए भी बथुआ खाना फायदेमंद है। इसके सेवन से खून साफ होता है। बथुए को उबालकर पीने से सफेद दाग, फोड़े-फुंसी और खुजली आदि समस्याओं में भी आराम मिलता है।    
ए, कैल्शियम, फॉस्फोरस और पोटैशियम का अच्छा स्रोत है। यह विटामिन डी का भी अच्छा स्रोत है। बथुए की पत्तियों को कच्चा चबाने से सांस की बदबू, पायरिया और दांतों से जुड़ी समस्याओं में फायदा होता है। भूख में कमी आना, खाना देर से पचना, खट्टी डकार आना जैसी समस्याओं के लिए भी बथुआ खाना फायदेमंद है। इसके सेवन से खून साफ होता है। बथुए को उबालकर पीने से सफेद दाग, फोड़े-फुंसी और खुजली आदि समस्याओं में भी आराम मिलता है।