प्रिय पाठकों! कई वृक्ष ऐसे हैं, जो दिशा विशेष में स्थित होने शुभ अथवा अशुभ फल देने वाले हो जाते हैं,
जैसे---
- पूर्व में पीपल भय तथा निर्धनता देता है। परन्तु बरगद कामना-पूर्ति करता है।
- आग्नेय में वट, पीपल, सेमल, पाकर तथा गूलर पीड़ा और मृत्यु देने वाले हैं। परन्तु अनार शुभ होता है।
- दक्षिण में पाकर रोग तथा पराजय देने वाला है, और आम, कैथ, अगस्त्य तथा निर्गुण्डी धननाश करने वाले हैं। परन्तु गूलर शुभ है।
- नैर्ऋत्य में इमली शुभ है।
- दक्षिण-नैर्ऋत्य में जामुन और कदम्ब शुभ हैं।
- पश्चिम में वट होने से राजपीड़ा, स्त्रीनाश व कुलनाश होता है और आम, कैथ अगस्त्य तथा निर्गुण्डी धननाशक हैं। परन्तु पीपल शुभदायक
- वायव्य में बेल शुभदायक है।
- उत्तर में गूलर नेत्र रोग तथा हृास करने वाला है । परन्तु पाकर शुभ है।
- ईशान में आंवला शुभदायक है
- ईशान-पूर्व में कटहल एवं आम शुभदायक हैं।
- अशोक, पुन्नाग, मौलसिरी, शमी, चम्पा, अर्जुन, कटहल, केतकी, चमेली, पाटल, नारियल, नागकेशर, अड़हुल, महुआ, वट, सेमल, बकुल, शाल आदि वृक्ष घर के पास शुभ हैं।
- घर के भीतर लगायी हुई तुलसी मनुष्यों के लिए कल्याणकारी, धन-पुत्र प्रदान करनेवाली, पुण्यदायिनी तथा हरिभक्ति देने वाली होती है। प्रात काल तुलसी का दर्शन करने से सुवर्णदान का फल प्राप्त होता है। अपने घर से दक्षिण की ओर तुलसी वृक्ष का रोपण नहीं करना चाहिए, अन्यथा यम-यातना भोगनी पड़ती है।
प्रस्तुति-संजय कुमार गर्ग (वास्तुविद)