एनीमिया का मतलब है रक्त में हीमोग्लोबिन का कम होना। हीमोग्लोबिन (रक्त में प्रोटीनधारक ऑक्सीजन) का स्तर डाइट में कई तरह की पौष्टिकताओं की कमी के कारण गड़बड़ा जाता है। खान-पान संबंधी एनीमिया का आम कारण आयरन, फोलिकएसिड, विटामिन बी-1 और 2 तथा विटामिन-सी का स्तर घटना है। आयरन की कमी दुनिया भर में पाई जाने वाली आम समस्या है। दुनिया में लगभग एक अरब लोग इसके शिकार हैं।
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ढलाई के बर्तन में खाना पकाने से भी आयरन की मात्रा भोजन में बढ़ जाती है। लोहे के बर्तन में पकाए गए पास्ता सॉस का आयरन तत्व तीन सौ गुना तक बढ़ा जाता है। आयरन के सप्लीमेंट से भी आयरन की कमी से पैदा एनीमिया को दूर किया जा सकता है बशर्ते सही मात्रा के लिए किसी प्रोफेशनल की सलाह ली जाए। एनीमिया से होने वाली बीमारियों को आयरन की कमी दूर करके खत्म किया जा सकता है।
कुछ उपाय-
0 आयरनयुक्त भोजन किया जाए
0 भोजन के साथ नींबू पानी और आंवला लिया जाए
0 लोहे के ढले बर्तन में खाना पकाया जाए
0 आयरन और कैल्शियम के सप्लीमेंट एक साथ न लिए जाएं
0 भोजन के साथ एंटासिड न लें
0 चोकर का ज्यादा सेवन न करें
0 भोजन के साथ चाय का सेवन न करें
0 अंकुरित अनाज का सेवन करें
0 दही, नाश्ते और सलाद में काला तिल डालकर खाए
केला और सेब में ज्यादा आयरन अन्य चीजों में होता है-
सेब और केले में कई तरह की पौष्टिकता होती है परन्तु सेब में (0.7 मिलीग्राम/100 ग्राम) और केले में (0.4मिलीग्राम/100 ग्राम) आयरन की मात्रा अन्य भोजन की तुलना में काफी कम होती है। जैसे कमल ककड़ी (60.6 मिलीग्राम/100 ग्राम), मूली के पत्ते (18.0 मिलीग्राम/100 ग्राम) और बाजरा (8.0मिलीग्राम/100 ग्राम) होती है। पालक का आयरन उतना नहीं होता जितना माना जाता है। सौ ग्राम पालक में मात्र 1.14 मिलीग्राम आयरन होता है जबकि फूल गोभी में 40 मिलीग्राम/100 ग्राम, मूली के पत्तों में 18 मिलीग्राम, सरसों के साग में 16.3 मिलीग्राम और बाथू में 4.2 मिलीग्राम/100 ग्राम आयरन होता है.