भाभी जब रसोई घर में खाना पका रही हो तो इंस्पेक्शन करने के लिए ऊपर से आकर सवाल ना करे, ना ही कहे हम ऐसे बनाते हैं या चपाती कम सेंकी है आदि। इन शब्दों से आपकी भाभी को बुरा लग सकता है
-आपका घर तो अपना स्थान है और भाभी का अपना। ऐसा कदाचित मत करें कि घर के सदस्य आपका बना खाना ही खाएं। आप भाभी की मदद कर सकती है।
-अपने माता पिता के सामने भाभी की बुराई या चुगली मत करें। उन्हें भी बहू के करीब जाने दें और उसके हक का प्यार देने दें। डिवाईड एंड रुल मत करें।
-ऐसा कदाचित मत दर्शाएं कि जैसे घर की हर वस्तु आपकी आज्ञा के बिना हिल नहीं सकती अर्थात् आपकी भाभी अगर अपने तरीके से घर की सजावट का सामान इधर उधर रखे तो रखने दें। ।
-भाभी के साथ बुरा व्यवहार मत करिए। ऐसा करके आप भाई की नजरों में भी बुरी बन सकती हैं और हो सकता है कि आगे चलकर ऐसा करने से भाई-बहन के रिश्ते पर आँच आए।
-भाभी अगर गर्भवती हो तो पूरा सहयोग दें न कि काम का बोझ लाद दें। बच्चा होने पर उसकी देखभाल और काम में हाथ बंटाना चाहिए। -कुछ ननदे हाथ पर हाथ रखकर बैठ जाती है और उधर बच्चे तंग करते हैं, खाना बनाना, काम आदि का बोझ या काम रह जाता है या बच्चा रोता रहता है। ऐसी परिस्थिति में सब मिल जुलकर रहें और काम बांट लेवें।
-घर में आई अपनी भाभी की सहयोगी बनें न कि नफरत के बीज बोएं। रिश्तेदार, पड़ोसी या घर वालों के सामने उसे नीचा दिखाने या खुद को श्रेष्ठ दर्शाने की कोशिश न करें।
-अगर आप शादीशुदा ननद हैं तो जब भी मायके जाएं तो हंसी खुशी का माहौल बनाकर रखने की कोशिश करें।
-छुट्टियों में इक्ट्ठे होने पर घर पर काफी काम हो जाता है। रसोईघर में आप मदद कर सकती हैं। अपनी भाभी के लिए बच्चों के लिए कुछ न कुछ उपहार अवश्य ले जाएं। तोहफे तो प्यार बढ़ाने के लिए होते हैं। घर में ऐसा सिद्ध करने की कोशिश न करें कि आपमें और आपके मायके वालों में कुछ बातें खास हैं अर्थात् कानों में या छुपकर चुगली मत करें।
-अपनी वस्तुएं जो आपने शादी से पहले खरीदी हों या जिनसे आपकी यादें जुड़ी हों, उन को समय के साथ भूल जाएं अर्थात् वहां से उठाकर ससुराल ले जाने की चेष्टा मत करें या यह न जतलाएं कि यह अब भी आपकी है। अपनी मां के साथ भाभी के खिलाफ बातें मत करें। फोन पर माँ-बाप के साथ-साथ भाभी के साथ भी संपर्क बनाए रखें।