बवासीर (पाइल) का सरल इलाज !


बवासीर का इलाज मुश्किल नहीं है। शुरूआती बवासीर में कब्ज मिटाने से ही कई बार समस्या दूर हो जाती है। हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, सलाद, ईसबगोल और पानी की मात्रा बढ़ाना फलदायी साबित होता है।
-दिन में 3-4 बार टब में गुनगुना पानी भर और पोटाश के कुछ कण डाल कर उसमें 10-15 मिनट बैठने और सेंकने से लाभ पहुंचता है।
-मलद्वार पर सूजन और खूजली मिटाने वाली मरहम जिनमें स्थानीय संवेदाहारी का भी पुट रहता है जैसे प्रोक्टोसेडिल, फाक्टू और एनोवेट लगाने से भी राहते मिलती है।
-इस सरल उपाय से आराम ने मिले और फूली हुई शिरा अभी गुदा के भीतर ही हो तो शिरा के अंदरूनी हिस्से में खास टीका लगा कर उसमें सिकुड़ने लायी जा सकती है।


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पाइल (बवासीर) से कैसे बचें! 


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-फूली हुई शिरा के शुरूआती छोर पर इलास्टिक बैंड बांधकर भी शिरा में खून का दौरा रोका जा सकता है। रासायनिक घोल का टीका और इस्लास्टिक बैंड लगाने की शल्यक्रिया ओपीडी में की जा सकती है।
-लटकी हुई शिरा को लेजर, इलैक्ट्रिक कोटरी आदि से भी नष्ट किया जा सकता है। पर जिन लोगों में स्फीत शिराएं बिल्कुल बाहर लटक जाती हैं, उनमें उन्हें ऑपरेशन से काट कर निकालना ही बेहतर साबित होता है। यह ऑपरेशन बहुत जटिल नहीं होता, पर इसे किसी अनुभवी सर्जन से ही करवाना ठीक है। ऑपरेशन के बाद घाव भरने और पूरी तरह ठीक होने में तीन से छह हफ्ते लगते हैं। पर ऑपरेशन के बाद भी यह ध्यान रखना बड़ता है कि बवासीर कहीं दुबारा न हो जाए। जिन कारणों से पहले गुदा की नसों पर दबाव पड़ा था, उनके प्रति सजग रहकर बवासीर की वापसी रोकी जा सकती है।