बढ़ती उम्र भी एक "कीमती सम्पत्ति" हैँ !


जिस तरह धन, भवन, मकान आदि की गणना संपत्ति में की जाती है। उसी तरह व्यक्ति की बढ़ती उम्र भी एक कीमती संपत्ति है। बढ़ती उम्र का एक सदस्य एक परिवार व संगठन के लिए बेहद मूल्यवान है। ऐसा इसलिए , क्योंकि उसने कई सालों तक स्वर्णिम नियम के सिद्धांतों , प्रेम और सदभाव के नियमों का अभ्यास अपनी कीमती उम्र गंवाकर किया है। बढ़ी आयु के व्यक्ति की भावनाएं और आध्यात्मिक परिपक्वता किसी भी परिवार या संस्थान के लिए एक वरदान है। एक विद्वान कहते हैं, आप वृद्ध तब होते हैं, ''जब आप जीवन में दिलचस्पी खो देते हैं और सपने देखना छोड़ देते हैं। जब तक व्यक्ति का मस्तिष्क नए विचार और रूचियों के लिए खुला होता है, जब तक व्यक्ति जीवन और ब्रहमांड की सच्चाइयों की प्रेरणा को ग्रहण करता है, तब तक वह युवा और स्फूर्तिवान बना रहता है।'' अक्सर बढ़ती उम्र के व्यक्ति यह भूल जाते हैं कि आयु उनकी एक कीमती संपत्ति है। इस कीमती संपत्ति के जरिए वे अपने आगे के जीवन को न सिर्फ सुंदर बना सकते हैं, बल्कि विश्व को अपने अनुभवों और रूचि के अनुसार महान कलाकृतियां व वस्तुएं भी दे सकते हैं। शीर्षस्थ हार्ट सर्जन माइकल डेबेकी ने रक्त का पहला रोलर पंप 1932 में इजाद किया था। नब्बे साल की उम्र में डा0 डेबेकी को एक नये अविष्कार पर प्रयोग करने की अनुमति मिली। इन नब्बे सालों के दौरान उन्होंने पल-पल जोड़ी गयी उम्र की संपत्ति से अनेक ऐसे अविष्कार खोजे जो दिल की बीमारी में कारगर सिद्ध हुए।
हार्ट सर्जन माइकल डेबेकी ने रक्त का पहला रोलर पंप 1932 में इजाद किया था। नब्बे साल की उम्र में डा0 डेबेकी को एक नये अविष्कार पर प्रयोग करने की अनुमति मिली। इन नब्बे सालों के दौरान उन्होंने पल-पल जोड़ी गयी उम्र की संपत्ति से अनेक ऐसे अविष्कार खोजे जो दिल की बीमारी में कारगर सिद्ध हुए।
सुकरात ने अनेक लोगों को अपने दर्शन के ज्ञान से सही राह दिखायी। उन्होंने स्वयं अस्सी साल की उम्र में वाद्य यंत्र बजाना सीखा। लियोपॉल्ड वॉन रैके ने अपनी ''हिस्ट्री ऑफ वर्ल्ड'' 92 साल की उम्र में पूरी की। सर आइजक न्यूटन 85 साल की उम्र में भी नई-नई खोजों में लगे रहते थे। घर के परिजन बढ़ी उम्र के सदस्यों से बचने का प्रयास करते हैं, उन पर ध्यान नहीं देते हैं। इस कारण वृद्धजनों में चिड़चिड़ापन, अधीरता, बैचेनी और पश्चाताप के भाव उमड़ने लगते हैं जो उन्हें अनेक बीमारियों से ग्रस्त कर देते हैं। यदि घर के युवा सदस्य वृद्धजनों का मुस्करा कर खुशी और आनंद के साथ स्वागत करें तो उनकी लंबी उम्र के अनुभवों से बहुत कुछ सीखा जा सकता है।