आधुनिक जीवन के तनाव और दबाव से निजात पाने का एक तरीका आपका बगीचा या पार्क भी हो सकता है। बगीचे में टहलने से आपकी तमाम चिंताएं, चाहे कुछ समय के लिए ही सही, दूर हो जाती हैं, और आपको तनाव से मुक्ति दिलाकर अच्छा अनुभव कराती है। बगीचे और पार्क में खुशबूदार, खूबसूरत फूलों और पौधों को निहारने, खुली और शुद्ध हवा में बागवानी करने, हरी दूब पर नंगे पांव चहलकदमी करने और सुस्ताने का मजा ही कुछ और है। इससे दुनिया-जहान की तमाम तकलीफें और तनाव जेहन से बाहर निकल कर, आपके मन-मस्तिष्क को तरोताजा और नई ऊर्जा से तरंगित होने का मौका देते हैं। यही नहीं, बांगवानी के दौरान धूप के संपर्क में आने से आपको विटामिन-डी और कलर-थैरेपी का फायदा भी मुफ्त में ही मिल जाता है। फिर धूल-मिट्टी के संपर्क में आने से आपका इम्यून सिस्टम दुरुस्त होता है, सो अलग।
बागवानी के ज़रिए तनाव से छुट्टी पाने के कुछ खास टिप्स इस प्रकार हैं-
-अगर आपको बागवानी का शौक नया-नया लगा है, तो खुदाई और बुवाई करने से पहले नर्सरी में अपनी पसंद के पौधों का चुनाव कर लें। आप चाहें, तो गुलाब या किसी और फूल या इनडोर प्लांट को अपनी नर्सरी के लिए चुन सकते हैं।
-ये मालूम कीजिए कि जो पौधे आप उगाना चाहते हैं, वे किन स्थितियों में फलते-फूलते हैं। पर्याप्त छाया और धूप के हिसाब से ही आपको इन्हें बगीचे की पूर्वी या पश्चिमी दीवार या गेट के पास लगाना होगा। ध्यान रखें कि पौधा पानी की अधिकता से गल न जाए।
- धैर्य रखें। अपनी क्षमता के अनुरूप कम पौधे लगाकर बागवानी की शुरुआत करें। बागवानी में अपनी शारीरिक क्षमता के हिसाब से ही मेहनत करें। ऐसा न हो कि बागवानी आपको राहत और संतोष देने के बजाय थकान और बोझ देकर तनाव की नई सौगात दे दे। आपको इसे एंजॉय करना है।
- पौधों की सार-संभाल ठीक से करें । इनकी जड़ों में खतरनाक चीजें, जैसे शीशे या धातु के टुकड़े हो सकते हैं। जरूरी समझें, तो इनसे बचने के लिए दस्ताने का प्रयोग करें।
बागवानी का सत्र पूरा होने के बाद अपने हाथों को अच्छी तरह साबुन से धोना न भूलें।