वाशिंगटन। अमेरिका में महज 15 साल की उम्र में इंजीनियर बनने के बाद भारतवंशी तनिष्का अब्राहम अब पीएचडी करने की तैयारी कर रहे हैं। विलक्षण प्रतिभा के धनी तनिष्क ने कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से बायोमेडिकल इंजीनियरिंग कर नया कीर्तिमान रचा है।
अपनी सफलता से उत्साहित तनिष्क ने कहा, 'मैं बहुत खुश हूं और अपनी उपलब्धियों पर गर्व भी महसूस करता हूं।' केरल से ताल्लुक रखने वाले उनके माता-पिता ताजी और बिजू अब्राहम का कहना है, 'वह बहुत जुनूनी है। हमें बस उसका साथ देना है।'
इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद पीएचडी और आगे चलकर मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए तनिष्क ने यूनिवर्सिटी आॅफ कैलिफोर्निया, डेविस में दाखिला लिया है। तनिष्क आगे चलकर एमडी (डाॅक्टर आॅफ मेडिकल) करना चाहते हैं। अपने सपनों के बारे में बताते हुए तनिष्क ने कहा, 'अन्य लोगों की तरह मेरा भी सपना कैंसर पर शोध करने का है। मैं कैंसर के इलाज के लिए नए तरीके तलाशना चाहता हूं।' तनिष्क ने बुरी तरह जले मरीजों को छुए बिना उनके दिल की धड़कन मापने का उपकरण बनाने में भी सफलता हासिल की है।