इस आलेख में मैं आपको एक-एक करके जीरो से चौथे आयाम के बारे में सरल शब्दों में बताऊंगा-
1-शून्य आयाम या जीरो डामेन्शन-जीरो डायमेंशन को समझने के लिए कल्पना कीजिए एक शून्य बिन्दु है, जिसका कोई आकार नहीं है, यदि हम इस बिन्दु में होते तो ना तो आगे जा सकते ना पीछे जा सकते, ना ऊपर जा सकते, ना नीचे जा सकते, यहां तक कि इस आयाम में मौजूद जीव अपनी जगह से हिल भी नहीं सकता। इस अवस्था को हम जीरो डायमेंशन या शून्य आयाम कह सकते हैं।
2-पहला आयाम या फर्स्ट डामेन्शन-अब कल्पना कीजिए कि इस बिन्दु के सामने एक बिन्दु ओर है, अब इन दोनों बिन्दुओं को मिला देते हैं, यदि हम इस डायमेंशन में होते तो केवल एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु पर ही जा सकता है, यानि हम आगे और पीछे की ओर जा सकता है, दाये या बाये नहीं जा सकते थे, इस अवस्था को हम पहला आयाम या फर्स्ट डी कह सकते हैं।
3-दूसरा आयाम या सेकेण्ड डामेन्शन-पहले डायमेंशन में मौजूद दो बिन्दुओं को मिलाने वाली रेखा पर यदि एक रेखा ओर खींच दी जाये तो इस आयाम में रहने वाला जीव आगे-पीछे जाने के साथ-साथ अब दायें-बायें भी जा सकता है, कल्पना कीजिए यदि हम इस डायमेंशन पर रहते तो हम आगे-पीछे, दाये-बाये तो जा सकते थे परन्तु ऊपर नीचे नहीं जा सकते। इसको हम दूसरा आयाम या सेकेण्ड डायमेंशन कहते थे।
4-तीसरा आयाम या थर्ड डामेन्शन-हम अभी थर्ड डायमेंशन में हैं जिसमें हम ऊंचाई और गहराई को भी महसूस कर सकते हैं, इस डायमेंशन में हम आगे-पीछे और दाये-बायें के साथ ऊपर-नीचे को भी समझ सकते हैं व महसूस कर सकते हैं, हम इस ब्रहमाण्ड यानि दुनिया को थर्ड डायमेंशन के अनुसार समझ व महसूस कर रहे हैं, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि हम थर्ड डायमेंशन में रहकर भी केवल टू डी चीजों को ही देख सकते हैं, हम थ्री डी चीजों को नहीं देख सकते केवल उन्हें महसूस कर सकते हैं। यही नहीं हम अपने पीछे के तीन डायमेंशन जीरों डायमेंशन से लेकर थर्ड डायमेंशन को आसानी से समझ सकते हैं, परन्तु थर्ड डायमेंशन से आगे के डायमेंशन को समझना हमारे लिए बहुत कठिन है। बुद्धिमान स्तर के व्यक्ति ही इन आयामों की केवल गणित और विज्ञान के द्वारा कल्पना कर सकते हैं, क्योंकि तीसरे आयाम से आगे के आयामों को केवल दिव्य चक्षु या थर्ड आई के द्वारा ही देखा व समझा जा सकता है।
चौथा आयाम या फोर्थ डायमेंशन-चौथा डायमेंशन समय यानि टाइम है, यह आयाम भी अपने पहले के तीन आयामों को मिला कर बना है, चौथे आयाम यादि फोर्थ डायमेंशन में इंसान अपने भविष्य या भूतकाल में कहीं भी जा सकते हैं, प्रोफेसर कूर्क्स का मानना है कि चौथे आयाम में पहुंचने पर वस्तुओं का वजन बहुत कम हो जाता है, और इसमें समय भी बहुत तेजी से चलता है, जैसे कि सपने का समय, अनेक मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि भूत-प्रेत भी चौथे आयाम की पुष्टि करते हैं, अर्थात वो चौथे आयाम में ही रहते हैं, अनेक वैज्ञानिकों का मानना है कि चौथे आयाम में प्रवेश करने वाले की आंखे टेलिस्कोप का काम करेगी। वे पानी के अन्दर या फिर किसी दीवार के आर-पार भी देख सकते हैं। ऐसा भी माना जाता है कि चौथे आयाम में पहुंचने वाला इन्सान अदृश्य आत्माओं को देख सकते हैं व उनसे संपर्क भी कर सकते हैं, मित्रों! हमारी पृथ्वी पर भी सिद्धाश्रम या संग्रिला नाम का एक स्थान है जिसे चौथे आयाम का प्रवेश द्वार कहा जाता है, यानि इस अदृश्य आश्रम में प्रवेश करके आप चौथे आयाम में पहुंच सकते हैं।