बुजुर्गों को विशेष सुविधा दे सरकार !

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किसी भी जाति-धर्म, गरीब-अमीर, बुजुर्ग महिला या पुरूष जब भी बिमार पड़ते हैं तो उन्हें एक साथी की आवश्यकता होती है जो उसे अस्पताल तक पहुंचा दे। उसका जीवन साथी भी यदि मौजूद है तो वह भी बुजुर्ग होने के नाते शारीरिक रूप से कमजोर स्थिति में होता है। तथा उसकी युवा संतान अपने कार्यो में इतनी व्यस्त होती है या फिर बूढ़े माता-पिता की अनदेखी करती है  कि अस्पताल तक पहुंचाने में बहुत विलम्ब हो जाता है। आर्थिक स्थिति मजबूत होते हुए भी ऐसा होता है और यदि आर्थिक स्थिति कमजोर है तो और भी स्थिति गम्भीर हो जाती है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह देश के प्रत्येक बिमार बुजुर्ग का फोन मिलते ही एक एम्बुलैंस को उसके घर भेजकर उसे अस्पताल पहुंचाये तथा उसकी निःशुल्क दवा, खाना-पीना, तिमारदारी करने की भी समुचित व्यवस्था कराये। रोगी के ठीक होने पर अपनी एम्बुलैंस से उसे वापिस भेज दे। निसंदेह ये आसान काम नहीं है किन्तु मोदी है तो मुमकिन है, इसमें भी संदेह हो नहीं सकता।

सरकार को मिलेगा बेहतरीन रिटर्न-
यदि बुजुर्गों को यथा योग्य सहयोग और बिमार होने पर समुचित निःशुल्क उपचार देने के लिए सरकार अपना दिल बड़ा करेगी तो निसंदेह बुजुर्ग भी अपना अनुभव का पिटारा जनहित में खोलकर जन जागरण करने को तत्पर हो जायेंगे। उदाहरण के लिए यदि कोई बुजुर्ग शराबी रहा है तो उसे पता है कि उसने उससे अपने शरीर और परिवार को कितनी क्षति पहुंचाई है। यदि शराबी नहीं रहा है तो भी वह जानता है कि यह कितनी हानिकारक है और परिवार को नरक बना देती है तथा समाज में प्रतिष्ठा भी दांव पर लग जाती है।  अतः जन जागरण के लिए वह अपने साथियों के साथ मिलकर वह जागरूकता फैलायेगा और विशेषकर युवा पीढ़ी उसकी बात पर ध्यान भी देगी। इसके अलावा जलवायु परिवर्तन से बचाव के लिए वृक्षारोपण करना तथा प्लास्टिक, पॉलिथिन से बचना कितना आवश्यक है इसके लिए भी जब बुजुर्गों का समूह अनुशासन के साथ सड़क पर मार्च करेगा तो यह दृश्य न केवल कौतूहल से देखा जायेगा बल्कि समाज की दशा और दिशा दोनों में भारी परिवर्तन भी लायेगा।

-संस्थापक एवं संपादक सत्य प्रकाश गर्ग-9897278134